रहीं बीसीएलएल भोपाल। दोपहर मेट्रो राजधानी में दौड़ रहीं बीसीएलएल की बसें शहर और रहवासियों को बीमार कर रहीं हैं। बूढ़ी हो चुकीं बसे थोक में काला धुंआ उगल रहीं हैजिससे शहर की हवा में प्रदूषण घुल रहा है। राजधानी भोपाल भी वायु प्रदुषण की चपेट में हैं। यहां भी तेजी से वायु प्रदुषण का खतरा बढ़ता जा रहा है। लेकिन शहर के जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह नहीं है। जिसकी वजह से प्रदुषण बढ़ता जा रहा है। दरअसल हम बात कर रहे हैं शहर की सड़कों पर चलने वाली बीसीएलएल की बसों की जो कि वायु प्रदुषण को बढ़ावा दे रही हैं। यहां की हवा में खतरनाक कण बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्डका भी इस ओर कोई ध्यान नहीं । वाहनों से निकलने वाले धुएं की जांच के लिए परिवहन विभाग द्वारा चौराहों पर पीसीयू वेन लगाई गई हैं। जो कि प्रदुषण की जांच करती हैं। इसके बाद भी कंडम बसों का संचालन जारी है। बीसीएलएल की कंडम बसों पर न तो किसी का नियंत्रण है और ही जिम्मेदारों का ध्यान है। हलांकि बीसीएलएल अब यह तय किया है कि जो भी बड़ी और पुरानी बसें हैं उनका संचालन भोपाल में बंद किया जाएगा। अधिकांश बसें अनफिट हो चुकी हैं। बड़ी बसों के स्थान पर अब छोटी वाली नई बसों का संचालन शुरू कर दिया है। जैसे-जैसे नई बसे बढ़ेगी पुरानी बसों को संचालन बंद कर दिया जाएगा। बता दें कि पूर्व महापौर कृष्णा गौर के समय बीसीएलएल बसों की सेवा शुरू की गई थी जो कि अब खस्ताहाल हो चुकी हैं। इन बसों की वजह से लोक परिवहन भी अब मुश्किल हो रहा है। बताया जाता है कि बसों के मैंटेनेंस पर हर महीने लाखों रूपए खर्च किए जाते हैं, इसके बाद भी बसों की स्थिति जस की तस है।
वायु प्रदुषण से होती हैं घातक बीमारियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदुषण अधिक होने से लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। वायु प्रदुषण की वजह से लोग अस्थमा, फेफड़ों का इंफेक्शन, लंग्स कैसर, आंखों में जलन,सिर दर्द जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।